शराबबंदी वाले गुजरात राज्य में मोदी सरकार नशेड़ियों को मुफ्त में ड्रग्स का नशा मुहैया कराएगी। इसकी शुरुआत गुरुवार को सूरत से होगी। - क्या ऐसे न्यूज़ को प्रकाशित करवाना चाहिए ?? क्या मेडिकली होनेवाले प्रयोग को भी अपने खुद के विकास और पब्लिसिटी के लिए इस्तमाल करना योग्य हे ???
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गुजरात की नरेंद्र मोदी सरकार एक अनूठा प्रयोग करने जा रही है। शराबबंदी वाले इस राज्य में सरकार नशेड़ियों को मुफ्त में नशा मुहैया कराएगी। इसकी शुरुआत गुरुवार को सूरत से होगी।
मिली जानकारी के मुताबिक वर्ल्ड एड्स डे के मौके पर राज्य सरकार की ओर से सूरत में करीब 600 नशेड़ियों की कोकीन और हेरोइन की जरूरत मुफ्त में पूरी की जाएगी। हालांकि यह टैबलेट के रूप में होगा और सरकार के मुताबिक इसका मकसद यह है कि नशेड़ी असुरक्षित सूई के जरिए ये ड्रग्स लेकर एड्स का शिकार न हो जाएं।
सूत्रों के मुताबिक सूरत के 600 पंजीकृत नशेड़ियों को इस योजना में शामिल किया गया है। इन्हें टैबलेट के रूप में मेथाडोन और बुप्रेनॉरफिन दिया जाएगा, जिसमें अफीम के तत्व होते हैं और जिन्हें हेरोइन तथा कोकीन के विकल्प के रूप में माना जाता है।
2009 के एक सर्वे के मुताबिक सूरत में नशे के आदी करीब 2000 लोग हैं, जो असुरक्षित ढंग से सूई के जरिए नशा लेते हैं। इनमें से करीब 600 लोगों को नशा मुक्ति अभियान में शामिल किया गया है। इन्हें सुरक्षित ढंग से सिर्फ एक बार सूई के जरिए नशा दिया जाता है। इसी समूह को नए प्रॉजेक्ट में शामिल किया गया है। (Courtesy: Navbharat Times Dt:01/12/'11)
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गुजरात की नरेंद्र मोदी सरकार एक अनूठा प्रयोग करने जा रही है। शराबबंदी वाले इस राज्य में सरकार नशेड़ियों को मुफ्त में नशा मुहैया कराएगी। इसकी शुरुआत गुरुवार को सूरत से होगी।
मिली जानकारी के मुताबिक वर्ल्ड एड्स डे के मौके पर राज्य सरकार की ओर से सूरत में करीब 600 नशेड़ियों की कोकीन और हेरोइन की जरूरत मुफ्त में पूरी की जाएगी। हालांकि यह टैबलेट के रूप में होगा और सरकार के मुताबिक इसका मकसद यह है कि नशेड़ी असुरक्षित सूई के जरिए ये ड्रग्स लेकर एड्स का शिकार न हो जाएं।
सूत्रों के मुताबिक सूरत के 600 पंजीकृत नशेड़ियों को इस योजना में शामिल किया गया है। इन्हें टैबलेट के रूप में मेथाडोन और बुप्रेनॉरफिन दिया जाएगा, जिसमें अफीम के तत्व होते हैं और जिन्हें हेरोइन तथा कोकीन के विकल्प के रूप में माना जाता है।
2009 के एक सर्वे के मुताबिक सूरत में नशे के आदी करीब 2000 लोग हैं, जो असुरक्षित ढंग से सूई के जरिए नशा लेते हैं। इनमें से करीब 600 लोगों को नशा मुक्ति अभियान में शामिल किया गया है। इन्हें सुरक्षित ढंग से सिर्फ एक बार सूई के जरिए नशा दिया जाता है। इसी समूह को नए प्रॉजेक्ट में शामिल किया गया है। (Courtesy: Navbharat Times Dt:01/12/'11)
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