केंद्रीय मंत्री श्री आनंद् शर्मा ने रिटेल में एफडीआई ,गौ माँस निकास ,डीज़ल ,एन आइ डी ,धोलेरा स्पेसिअल इन्वेस्टमेंट रीजन, टेक्सटाइल नीति ,कोटन एक्सपोर्ट जेसे नीतिगत मुद्दों पे चर्चा की एवं मोदी द्वारा गुजरात में जिस तरह से शालीनता हिन् भाषा में केन्द्र सरकार ,डॉ.मनमोहनसिंह ,सोनिया गाँधी और राहुल गाँधी के खिलाफ अपप्रचार होता हे उसकी कड़े शब्दों में आलोचना की !!
-------------------------- ----------------------
**** राजनितिक चर्चा :
केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री आनंद शर्मा ने गुजरात प्रदेश काग्रेस कार्यालय राजीव गाधी भवन में बुधवार को गुजरात के मुख्यमंत्री पर पलटवार करते हुए राहुल गांधी पर टिप्पणी करने के लिए आलोचना की और कहा, ‘‘मोदी धबराए हैं और अपना संतुलन खो चुके हैं.’’
शर्मा ने संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘राहुल गांधी के बारे में टिप्पणी की गई थी कि उन्हें दूसरे देश(विदेश/इटली) से चुनाव लडना चाहिए, क्यों?? इस देश की जनता ने उन्हें लाखो मत देके निर्वाचित किया है. ये टिप्पणियां गैर जरुरी हैं और यह दर्शाता है कि मोदी उद्विग्न(Anxious/Jealous) हैं और अपना संतुलन खो चुके हैं.’’
शर्माजी ने कहा, ‘‘राहुल गांधी ने कभी नहीं कहा कि वह भारत का प्रधानमंत्री बनना चाहते हैं. उन्होंने अपने कार्य को जनता और संगठन को समर्पित किया है. वह ऐसे नेता हैं जो तीन-चार लाख मतों के अंतर से निर्वाचित होते हैं.’’ शर्मा ने कहा, ‘‘अगर मोदी वाकई अपना संतुलन खो चुके हैं तो यह न सिर्फ गुजरात के लिए बल्कि पूरे देश के लिए बेहद गंभीर मामला है.’’
शर्मा ने कहा, ‘‘मैं उन्हें एक सलाह देना चाहूंगा. अगर वह सोचते हैं कि उनका कद इतना बडा है, उनकी विचारधारा महान है, तो यद्यपि मैं उन्हें देश के बाहर जाने का सुझाव नहीं दूंगा क्योंकि वह कुछ देशों में जाने में सक्षम नहीं होंगे, उन्हें चुनाव लडने के लिए उत्तर प्रदेश या बिहार जाने दें.’’ उन्होंने कहा, ‘‘राहुल गुजरात में चुनाव लड सकते हैं और जीत भी सकते हैं. लेकिन अगर वह (मोदी) बिहार से चुनाव लडने का साहस करते हैं तो उन्हें सोचना चाहिए कि नीतीश कुमार कैसे प्रतिक्रिया व्यक्त करेंगे!!
आनंदजी ने कहा, ‘‘पिछले कुछ दिनों में कुछ सार्वजनिक टिप्पणियां की गईं जो लोकतंत्र के लिए सही नहीं हैं. चर्चा और आलोचना अच्छी बात है, परंपरा है लेकिन किसी की आलोचना करते वक्त हमें मर्यादा और गंभीरता को नहीं भूलना चाहिए. नरेंद्र मोदी इसे भूल गए हैं.’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं उस तरह की भाषा का इस्तेमाल नहीं करना चाहूंगा जैसी भाषा का प्रयोग मोदी ने किया क्योंकि वह न तो मेरी और न ही कांग्रेस की संस्कृति में है. असम्मानजनक और गलत भाषा, बयान का बार-बार इस्तेमाल किया जा रहा है. यह रोज की बात हो गई है.’’
उन्होंने कहा, ‘‘मोदी के साथ समस्या है कि वह खुद को जरुरत से ज्यादा प्रोजेक्ट करते हैं. हर व्यक्ति को अपनी हदें जाननी चाहिए.’’ !
स्वामी श्री विवेकानंदजी के नाम पर मोदी के प्रचार करने पर आपत्ति जताते हुए शर्मा ने कहा, ‘सरकारी खर्चे पर की जा रही इस यात्रा में अगर मोदी विवेकानंद के मूल्यों को आगे बढाते और उनकी भाषा में पूरी ईमानदारी और विनम्रता के साथ बोलते तो वह युवा पीढी तक कुछ संदेश पहुंचाते. लेकिन वह अपनी राजनीति का संदेश फैला रहे हैं और विवेकानंद ने जिन मूल्यों की आकांक्षा रखी थी उससे इसकी कोई साम्यता नहीं है.’’
शर्माजी ने कहा, ‘‘अगर वह राजनैतिक मुद्दों पर प्रचार करना चाहते हैं तो उन्हें गांधीजी, सरदार पटेल, नेहरु और मौलाना आजाद जैसी हस्तियों की तस्वीरें रखनी चाहिए और तब उन्हें राजनीति के बारे में बात करनी चाहिए.’’ मोदी राज्य में ‘स्वामी विवेकानंद युवा विकास यात्रा’ निकालकर प्रचार कर रहे हैं वोह गलत बात हे !!
शर्माजी ने कहा, ‘‘वह हमेशा अपनी छवि बदलना पसंद करते हैं. कभी उनकी तस्वीर ओवरकोट में देखेंगे, भले ही गुजरात में बहुत ठंड न हो, कभी कोट, मफलर और टोपी के साथ हाथ में गोल्फ स्टिक लिए हुए देखेंगे. अगर वह वाकई गोल्फ खेलना जानते हैं तो मुझे खुशी होगी.’’ मंत्री कहा, ‘‘मुझे उम्मीद है कि उनका असली चेहरा, सोच और विचारधारा को राज्य की जनता के समक्ष रखा जाएगा.’’
**** नीतिगत चर्चा :
-------------------------- ---------
- मोदी को सरकारी तिजोरी का उपयोग राज्य के लिए करना चाहिए ना की अपनी खुदकी यात्राओं में . वह फंड राज्य के सोसियो इकोनोमिक इंडेक्स को ऊँचा लाने में होना चाहिये ..उन्हों ने संवादाताओ को बताया की “गुजरात में गरीबी रेखा के निचे जीनेवाले लोगो का प्रमाण २००१ में ३१.०८% था जो अब २०११ में बढ़ कर ३९.५% हो गया हे . ऐसे ही गुजरात में साक्षरता दर ७९ % हे जब की केरल में ९४% महाराष्ट्र में ८३% ,मणिपुर एवं तमिलनाडु में ८०% और दिल्ही में ८६% हे..
- केन्द्र सरकार गुजरात का अहित कर रही हे ऐसी छवि मोदी द्वारा बनाइ गयी हे वोह बिलकुल धोखाधड़ी/चीटिंग हे !
उन्हों ने दावा किया की “हर एक राज्य एवं केन्द्र के हित का ध्यान रखते हुए हमने निकास (एक्सपोर्ट) नीति बनाइ हे. राष्ट्र ने २०११ -१२ में कोटन (कपास) की बड़ी मात्र में निकास की हे और उसका लाभ सबसे अधिक मात्र में गुजरात के किसानो को हुआ हे उस बात का मुझे आनंद हे और गर्व भी. एनडीए के शासनकाल में निकास की मात्र बहोत कम थी.
- गुजरात के धोलेरा में स्पेसिअल इन्वेस्टिगेशन रीजन की मंजूरी भी केन्द्र सरकार ने ही दी हे !
गुजरात में केन्द्र सरकार द्वारा रु.७९० करोड के इन्वेस्टमेंट से स्पेसिअल इंटीग्रेटेड टेक्सटाइल प्रोजेक्ट की योजना पे भी काम चालू हो गया हे. यह प्रोजेक्ट के अंतर्गत केन्द्र सरकार ने हाजिरा ,सूरत और कच्छ में स्पेसिअल पार्क को मंजरी दी हे . यह प्रोजेक्ट से गुजरात में २९००० प्रत्यक्ष एवं ८०००० परोक्ष रोजगारी मिलने जा रही हे !
- मंत्री श्री आनंद शर्मा गांधीनगर में एनआईडी(NID)के पोस्ट ग्रेज्युएट केम्पस का उद्घाटन करने आये थे.उन्होंने कहा की टुंक समय में एन आई डी बिल को केबिनेट मंजूरी देने वाला हे उसके बाद एनआईडी सेंटर ऑफ एक्स्सेलंस बन जाएगा! जेम्स एंड ज्वेलरी तथा ऑटोमोबाइल डिजाइन सेंटर भी स्थापित किए जाएंगे ताकि उन सेक्टरो को बढ़ावा मिलेगा ...
- गुजरात सरकार का गौ-मांस निकास का आरोप निराधार है. यूपीए सरकार ने एनडीए सरकार की नीति में कोई बदलाव नहीं किया है.. उल्टा गौ-मांस निकास और इसके स्रोत दर्शाने संबंधी नियम कड़े किए हैं. मोदी सरकार ने तो गुजरात में गौ’चर और खेत भी बेच डाले हैं...
- एफडीआई (FDI) एवं डीज़ल कीमत की रोलबेक करने के किसी पत्रकार मित्र के सवाल पे उन्हों ने कह दिया की “हम आर्थिक सुधारना के मुद्दे से पीछे नहीं हटेंगे क्यों की हम ‘रोलबेक’ शब्द में मानते नहीं हे यह (एफडीआई) निर्णय हरेक राज्यों के साथ विचार विमर्श करने के बाद लिया गया हे.” इसीलिए एफडीआई के मुद्दे को लागू करने की बात राज्यों पे निर्भर रखी हे...
- रिटेल में एफडीआई को भाजपा/एन डी ए के शासन काल में केबिनेट नोट द्वारा तैयार किया गया था जो २००४ के चुनाव में वह सरकार का पतन होते ही उसपर कार्यवाही अधूरी रह गइ थी .यदि भाजपा संसद को चलने देता तो में वह दस्तावेज एवं जरुरी सत्य वही पे पेशकश करता एवं अभी भी करने के लिए तैयार हू ...
(खास नोंध :में मौलिन शाह खुद इस प्रेस कोंफर्न्स में हाजिर था .श्री आनंद शर्मा एक प्रभावशाली प्रवकता एवं मंत्रालय के विषय में माहिर व्यक्ति हे उनकी बोडी लेंग्वेज, कोंफिडंस, जोश, जूनून, कोमर्स एवं मेक्रो/माइक्रो इकोनोमी का नोलेज तथा रजुआत करने की शक्ति अद्भुत थी. एक या दो संवादाता के अलावा किसी ने कोई प्रश्न नहीं किया था क्यों की एक भी पॉइंट उनकी प्रेस कोंफरंस की स्पीच में छूटा नहीं था..ऐसे ही प्रभावशाली राष्ट्रीय नेता को गुजरात के चुनावी माहोल में मोदी के जूठे एवं गोबेल्स प्रचार का सामना करने और कोंग्रेस संगठन को गाइड करने के लिए आना चाहिए एसी चर्चा प्रदेश कोंग्रेस कार्यालय में पुरे दिन होती रही थी !!)
--------------------------
**** राजनितिक चर्चा :
केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री आनंद शर्मा ने गुजरात प्रदेश काग्रेस कार्यालय राजीव गाधी भवन में बुधवार को गुजरात के मुख्यमंत्री पर पलटवार करते हुए राहुल गांधी पर टिप्पणी करने के लिए आलोचना की और कहा, ‘‘मोदी धबराए हैं और अपना संतुलन खो चुके हैं.’’
शर्मा ने संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘राहुल गांधी के बारे में टिप्पणी की गई थी कि उन्हें दूसरे देश(विदेश/इटली) से चुनाव लडना चाहिए, क्यों?? इस देश की जनता ने उन्हें लाखो मत देके निर्वाचित किया है. ये टिप्पणियां गैर जरुरी हैं और यह दर्शाता है कि मोदी उद्विग्न(Anxious/Jealous) हैं और अपना संतुलन खो चुके हैं.’’
शर्माजी ने कहा, ‘‘राहुल गांधी ने कभी नहीं कहा कि वह भारत का प्रधानमंत्री बनना चाहते हैं. उन्होंने अपने कार्य को जनता और संगठन को समर्पित किया है. वह ऐसे नेता हैं जो तीन-चार लाख मतों के अंतर से निर्वाचित होते हैं.’’ शर्मा ने कहा, ‘‘अगर मोदी वाकई अपना संतुलन खो चुके हैं तो यह न सिर्फ गुजरात के लिए बल्कि पूरे देश के लिए बेहद गंभीर मामला है.’’
शर्मा ने कहा, ‘‘मैं उन्हें एक सलाह देना चाहूंगा. अगर वह सोचते हैं कि उनका कद इतना बडा है, उनकी विचारधारा महान है, तो यद्यपि मैं उन्हें देश के बाहर जाने का सुझाव नहीं दूंगा क्योंकि वह कुछ देशों में जाने में सक्षम नहीं होंगे, उन्हें चुनाव लडने के लिए उत्तर प्रदेश या बिहार जाने दें.’’ उन्होंने कहा, ‘‘राहुल गुजरात में चुनाव लड सकते हैं और जीत भी सकते हैं. लेकिन अगर वह (मोदी) बिहार से चुनाव लडने का साहस करते हैं तो उन्हें सोचना चाहिए कि नीतीश कुमार कैसे प्रतिक्रिया व्यक्त करेंगे!!
आनंदजी ने कहा, ‘‘पिछले कुछ दिनों में कुछ सार्वजनिक टिप्पणियां की गईं जो लोकतंत्र के लिए सही नहीं हैं. चर्चा और आलोचना अच्छी बात है, परंपरा है लेकिन किसी की आलोचना करते वक्त हमें मर्यादा और गंभीरता को नहीं भूलना चाहिए. नरेंद्र मोदी इसे भूल गए हैं.’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं उस तरह की भाषा का इस्तेमाल नहीं करना चाहूंगा जैसी भाषा का प्रयोग मोदी ने किया क्योंकि वह न तो मेरी और न ही कांग्रेस की संस्कृति में है. असम्मानजनक और गलत भाषा, बयान का बार-बार इस्तेमाल किया जा रहा है. यह रोज की बात हो गई है.’’
उन्होंने कहा, ‘‘मोदी के साथ समस्या है कि वह खुद को जरुरत से ज्यादा प्रोजेक्ट करते हैं. हर व्यक्ति को अपनी हदें जाननी चाहिए.’’ !
स्वामी श्री विवेकानंदजी के नाम पर मोदी के प्रचार करने पर आपत्ति जताते हुए शर्मा ने कहा, ‘सरकारी खर्चे पर की जा रही इस यात्रा में अगर मोदी विवेकानंद के मूल्यों को आगे बढाते और उनकी भाषा में पूरी ईमानदारी और विनम्रता के साथ बोलते तो वह युवा पीढी तक कुछ संदेश पहुंचाते. लेकिन वह अपनी राजनीति का संदेश फैला रहे हैं और विवेकानंद ने जिन मूल्यों की आकांक्षा रखी थी उससे इसकी कोई साम्यता नहीं है.’’
शर्माजी ने कहा, ‘‘अगर वह राजनैतिक मुद्दों पर प्रचार करना चाहते हैं तो उन्हें गांधीजी, सरदार पटेल, नेहरु और मौलाना आजाद जैसी हस्तियों की तस्वीरें रखनी चाहिए और तब उन्हें राजनीति के बारे में बात करनी चाहिए.’’ मोदी राज्य में ‘स्वामी विवेकानंद युवा विकास यात्रा’ निकालकर प्रचार कर रहे हैं वोह गलत बात हे !!
शर्माजी ने कहा, ‘‘वह हमेशा अपनी छवि बदलना पसंद करते हैं. कभी उनकी तस्वीर ओवरकोट में देखेंगे, भले ही गुजरात में बहुत ठंड न हो, कभी कोट, मफलर और टोपी के साथ हाथ में गोल्फ स्टिक लिए हुए देखेंगे. अगर वह वाकई गोल्फ खेलना जानते हैं तो मुझे खुशी होगी.’’ मंत्री कहा, ‘‘मुझे उम्मीद है कि उनका असली चेहरा, सोच और विचारधारा को राज्य की जनता के समक्ष रखा जाएगा.’’
**** नीतिगत चर्चा :
--------------------------
- मोदी को सरकारी तिजोरी का उपयोग राज्य के लिए करना चाहिए ना की अपनी खुदकी यात्राओं में . वह फंड राज्य के सोसियो इकोनोमिक इंडेक्स को ऊँचा लाने में होना चाहिये ..उन्हों ने संवादाताओ को बताया की “गुजरात में गरीबी रेखा के निचे जीनेवाले लोगो का प्रमाण २००१ में ३१.०८% था जो अब २०११ में बढ़ कर ३९.५% हो गया हे . ऐसे ही गुजरात में साक्षरता दर ७९ % हे जब की केरल में ९४% महाराष्ट्र में ८३% ,मणिपुर एवं तमिलनाडु में ८०% और दिल्ही में ८६% हे..
- केन्द्र सरकार गुजरात का अहित कर रही हे ऐसी छवि मोदी द्वारा बनाइ गयी हे वोह बिलकुल धोखाधड़ी/चीटिंग हे !
उन्हों ने दावा किया की “हर एक राज्य एवं केन्द्र के हित का ध्यान रखते हुए हमने निकास (एक्सपोर्ट) नीति बनाइ हे. राष्ट्र ने २०११ -१२ में कोटन (कपास) की बड़ी मात्र में निकास की हे और उसका लाभ सबसे अधिक मात्र में गुजरात के किसानो को हुआ हे उस बात का मुझे आनंद हे और गर्व भी. एनडीए के शासनकाल में निकास की मात्र बहोत कम थी.
- गुजरात के धोलेरा में स्पेसिअल इन्वेस्टिगेशन रीजन की मंजूरी भी केन्द्र सरकार ने ही दी हे !
गुजरात में केन्द्र सरकार द्वारा रु.७९० करोड के इन्वेस्टमेंट से स्पेसिअल इंटीग्रेटेड टेक्सटाइल प्रोजेक्ट की योजना पे भी काम चालू हो गया हे. यह प्रोजेक्ट के अंतर्गत केन्द्र सरकार ने हाजिरा ,सूरत और कच्छ में स्पेसिअल पार्क को मंजरी दी हे . यह प्रोजेक्ट से गुजरात में २९००० प्रत्यक्ष एवं ८०००० परोक्ष रोजगारी मिलने जा रही हे !
- मंत्री श्री आनंद शर्मा गांधीनगर में एनआईडी(NID)के पोस्ट ग्रेज्युएट केम्पस का उद्घाटन करने आये थे.उन्होंने कहा की टुंक समय में एन आई डी बिल को केबिनेट मंजूरी देने वाला हे उसके बाद एनआईडी सेंटर ऑफ एक्स्सेलंस बन जाएगा! जेम्स एंड ज्वेलरी तथा ऑटोमोबाइल डिजाइन सेंटर भी स्थापित किए जाएंगे ताकि उन सेक्टरो को बढ़ावा मिलेगा ...
- गुजरात सरकार का गौ-मांस निकास का आरोप निराधार है. यूपीए सरकार ने एनडीए सरकार की नीति में कोई बदलाव नहीं किया है.. उल्टा गौ-मांस निकास और इसके स्रोत दर्शाने संबंधी नियम कड़े किए हैं. मोदी सरकार ने तो गुजरात में गौ’चर और खेत भी बेच डाले हैं...
- एफडीआई (FDI) एवं डीज़ल कीमत की रोलबेक करने के किसी पत्रकार मित्र के सवाल पे उन्हों ने कह दिया की “हम आर्थिक सुधारना के मुद्दे से पीछे नहीं हटेंगे क्यों की हम ‘रोलबेक’ शब्द में मानते नहीं हे यह (एफडीआई) निर्णय हरेक राज्यों के साथ विचार विमर्श करने के बाद लिया गया हे.” इसीलिए एफडीआई के मुद्दे को लागू करने की बात राज्यों पे निर्भर रखी हे...
- रिटेल में एफडीआई को भाजपा/एन डी ए के शासन काल में केबिनेट नोट द्वारा तैयार किया गया था जो २००४ के चुनाव में वह सरकार का पतन होते ही उसपर कार्यवाही अधूरी रह गइ थी .यदि भाजपा संसद को चलने देता तो में वह दस्तावेज एवं जरुरी सत्य वही पे पेशकश करता एवं अभी भी करने के लिए तैयार हू ...
(खास नोंध :में मौलिन शाह खुद इस प्रेस कोंफर्न्स में हाजिर था .श्री आनंद शर्मा एक प्रभावशाली प्रवकता एवं मंत्रालय के विषय में माहिर व्यक्ति हे उनकी बोडी लेंग्वेज, कोंफिडंस, जोश, जूनून, कोमर्स एवं मेक्रो/माइक्रो इकोनोमी का नोलेज तथा रजुआत करने की शक्ति अद्भुत थी. एक या दो संवादाता के अलावा किसी ने कोई प्रश्न नहीं किया था क्यों की एक भी पॉइंट उनकी प्रेस कोंफरंस की स्पीच में छूटा नहीं था..ऐसे ही प्रभावशाली राष्ट्रीय नेता को गुजरात के चुनावी माहोल में मोदी के जूठे एवं गोबेल्स प्रचार का सामना करने और कोंग्रेस संगठन को गाइड करने के लिए आना चाहिए एसी चर्चा प्रदेश कोंग्रेस कार्यालय में पुरे दिन होती रही थी !!)
No comments:
Post a Comment